वर्ल्ड हैड नेक कैंसर डे विशेषबदलती जीवनशैली में बदलाव हैड नेक कैंसर का बड़ा कारण : डॉ.सिंघल जयपुर।


जयपुर- हमारी बदलती जीवनशैली के साथ मदिरा, तंबाकू उत्पादों का सेवन हैड नेक कैंसर का बड़ा कारण है। अकेले तंबाकू व अन्य धूम्ररहित चबाने वाले पदार्थों के सेवन से ही देशभर में प्रतिवर्ष 13.5 लाख से अधिक लोग तंबाकू से होने वाली बीमारियों से दम तोड़ रहें है। वहीं राजस्थान में करीब 65 हजार लोगों की मौत हो जाती है। इसमें युवा अवस्था में होने वाली मौतों का कारण भी मुंह व गले का कैंसर मुख्य है। हालांकि पूरी दुनियाभर में 27 जुलाई के दिन ही वर्ल्ड हैड नेक कैंसर डे आज ही के दिन मनाया जा रहा है।





वर्ल्ड हैड नेक कैंसर डे के अवसर पर कैंसर रोग विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि 21 वीं शताब्दी तक तम्बाकू के उपयोग के कारण अरबों मौतें होंगी। यदि कोई हस्तक्षेप नहीं हुआ तो इन मौतों में 80 प्रतिशत मौतें विकासशील देशों में होगी। विशेषज्ञों ने विश्व सिर एवं गला कैंसर दिवस के अवसर पर लोगों से शराब, तंबाकू उत्पादों से दूर रहने की अपील करते हुए यह आशंका जताई और कहा कि कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू सेवन है।सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर के कान नाक गला विभाग आचार्य डॉ.पवन सिंघल बतातें है कि इलाज के 12 महीने के भीतर नए निदान किए गए सिर और गला कैंसर के लगभग आधे मरीज नहीं बच पाते। दो तिहाई सिर और गला का कैंसर तम्बाकू के कारण होता है। भारत में प्रतिवर्ष 2.1 लाख हैड नेक कैंसर के नए रोगी आ रहे है। वहीं यह आंकड़ा पुरुषों में 76 प्रतिशत और महिलाओं में 24 प्रतिशत है।





राजस्थान में भी स्थिति चिंताजनक(GATS 2017) ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे, 2017 के अनुसार राजस्थान में वर्तमान में 24.7 प्रतिशत लोग (5 में से 2 पुरुष, 10 में से 1 महिला यूजर) किसी न किसी रूप में तंबाकू उत्पादों का उपयोग करते है। जिसमें 13.2 प्रतिशत लोग धूम्रपान के रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं।





पत्रकार वसीम अहमद


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